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सूडानी राष्ट्रपति के खिलाफ आरोपों से हिंसा बढ़ने की आशंका

By Staff
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नैरोबी/खार्तुम, 16 जुलाई (आईएएनएस)। सूडान के राष्ट्रपति उमर हसन अहमद अल-बशीर के खिलाफ युद्ध अपराधों के आरोपों का भले ही बहुत से हलकों ने स्वागत किया हो, लेकिन इससे दार्फुर में हिंसा तथा लाखों की तादाद में बेघर हुए लोगों की दिक्कतों में वृद्धि की आशंका उत्पन्न हो गई है।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी)के अभियोजक लुईस मोरेनो- ओकेम्पो ने सोमवार को मानवता के विरूद्ध अपराधों और नरसंहार के आरोपों में बशीर के खिलाफ वारंट जारी करने का अनुरोध किया था। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सूडान में जारी जातीय हिंसा में अब तक तीन लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 25 लाख बेघर हो गए हैं।

हिंसा बढ़ने की आशंका के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र-अफ्रीकन यूनियन पीसकीपिंग मिशन इन दार्फुर(यूएनएएमआईडी) ने दार्फुर से अपने अतिरिक्त कर्मचारियों को हटाना शुरु कर दिया है, हालांकि यूएनएएमआईडी बल के कमांडर जनरल मार्टिन लूथर अगवई के अनुसार, हिफाजत के प्रयास और गश्त का क्रम पहले जैसा ही बना रहेगा और शांतिरक्षक सहायता संगठनों की सहायता करेंगे।

संयुक्त राष्ट्र में सूडान के राजदूत अब्दुलमहमूद अब्दलहलीम मोहम्मद ने कहा कि उन्हें लगता है कि मोरेनो ओकैंपो का यह कदम शांतिप्रक्रिया को बर्बादी के कगार तक ले जाएगा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से आईसीसी और दाफरुर में शांति में से किसी एक का चयन करने को कहा।

उधर, सूडान में मौजूद संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें खतरा सरकारी मिलिशिया से नहीं, बल्कि विद्रोही गुटों से है।

समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक, सूडान आईसीसी को मान्यता नहीं देता और इसीलिए पिछले वर्ष उसने न्यायालय द्वारा वांछित सरकार के एक मंत्री और एक मिलिशिया सरगना को प्रत्यर्पित करने से इंकार कर दिया था।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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