मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के इलाज की सुरक्षित तकनीक
चंडीगढ़, 16 जुलाई (आईएएनएस)। चंडीगढ़ के नेत्र रोग विशेषज्ञों के एक दल ने आंखों की दो बीमारियों मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के इलाज की एक नई तकनीक विकसित की है। यह तकनीक आपरेशन के बाद मरीजों को होने वाली परेशानियों से निजात दिलाएगी।
ग्रेवाल नेत्र संस्थान (जीईआई) के चिकित्सकों ने यहां 'ओलोजेन इंप्लांट इन फाकोमलिसिफिकेशन कंबाइंड विथ ट्राबेकुलेक्टोमी (फाको-ट्राब)' विषय पर एक आरंभिक अध्ययन किया। उन्होंने इस अध्ययन के निष्कर्षो को जून में हांगकांग में आयोजित विश्व नेत्र कांग्रेस में प्रस्तुत किया।
जीईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.पी.एस ग्रेवाल ने आईएएनएस को बताया, "अब हम मोतियाबिंद और ग्लूकोमा दोनों के इलाज में फाको-ट्राब विधि का प्रयोग करेंगे। अभी तक हम दोनों बीमारियों की चिकित्सा में एक पारंपरिक विधि का प्रयोग करते थे।"
ग्रेवाल ने बताया कि यह नई तकनीक अपेक्षाकृत सस्ती है और इसमें घाव भी जल्दी भर जाता है। उन्होंने कहा कि मानव मात्र के लिए लाभदायक होने के कारण हम इसको पेटेंट नहीं करवाएंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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