विश्वास मत की तारीख के पीछे भी ज्योतिषीय परामर्श
नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए सरकार ने आखिरकार 21-22 जुलाई का दिन ही क्यों चुना। इसे लेकर राजधानी के राजनीतिक गलियारों में कई प्रकार की चर्चाएं हैं। कुछ इसके पीछे ज्योतिषीय परामर्श को कारण मानते हैं तो कुछ कहते हैं कि अधिक से अधिक संख्या जुटाने के लिए समय की आवश्यकता के मद्देनजर यह तारीख चुनी गई।
कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सरकार चाहती थी कि विदेश गए उसके कुछ सांसद वापस स्वदेश लौट आए और साथ ही जेलों में बंद सरकार के सहयोगी दलों के कुछ सांसदों को वक्त रहते मतदान की इजाजत मिल जाए, इसी के मद्देनजर यह तारीख तय की गई।
सरकारी दफ्तरों में छुट्टी सा माहौल:-
चूंकि केंद्र सरकार के सभी मंत्री सरकार बचाने के चक्कर में लगे हुए हैं,ऐसे में सरकारी दफ्तरों में छुट्टियों सा माहौल है। अधिकांश मंत्रालयों में इन दिनों अधिकारी चाय की चुस्की व गप्पेबाजी लगाकर अपना समय काट रहे हैं।
वाजपेयी मतदान करेंगे या नहीं?:-
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर अटकलें हैं कि वे विश्वास मत के दौरान मतदान करने लोकसभा आएंगे या नहीं। हालांकि वाजपेयी के करीबियों की मानें तो वे मतदान करने आएंगे लेकिन चर्चा है कि खराब स्वास्थ्य की वजह से वे मतदान करने नहीं आएंगे। बहरहाल, वाजपेयी मतदान करने न आएं तो कांग्रेस को निश्चित तौर पर खुशी होगी। वाजपेयी की सरकार एक मत के कारण ही गिर गई थी। इसलिए वह एक-एक मत का महत्व समझती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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