देश की बजाए विदेशों में ज्यादा पसंद की जाती हैं इजराइली फिल्में
नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। इजराइली फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भले ही पसंद किया जा रहा हो, लेकिन अपने ही देश में वे ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं।
नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। इजराइली फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भले ही पसंद किया जा रहा हो, लेकिन अपने ही देश में वे ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं।
इजराइल के फिल्म निर्देशक एरैन रिक्लिस ने आईएएनएस से कहा, "अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारी फिल्में पंसद की जा रही हैं, लेकिन घरेलू स्तर पर ऐसा नहीं हो पा रहा है। इजराइल में 60 लाख लोग रहते हैं। हमारे यहां पांच बड़े फिल्म स्कूल हैं। हमारी इंडस्ट्री कुछ ऐसी है, जिसमें लीक हटकर काम करने के लिए बहुत से विषय उपलब्ध हैं, लेकिन उनमें हर कोई सफल नहीं हो सकता।"
'दसवें ओसियान-सिनेफैन फिल्म फेस्टिवल' में अपनी 2004 की हिट फिल्म 'द श्रीयन ब्राइड' और 2008 की 'लेमन ट्री' के प्रदर्शन के लिए नई दिल्ली के सिरीफोर्ट सभागार पहुंचे निर्देशक एरैन रिक्लिस ने कहा कि इजराइली सेंसर बोर्ड आज भी सेक्स दृश्यों के सख्त खिलाफ है।
रिक्लिस 1975 से फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं। उनकी पहली फिल्म 'ऑन अ क्लियर डे यू कैन सी दमिश्क' थी, यह फिल्म उन्होंने ब्रिटेन के 'बीकंसफील्ड नेशनल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल' से स्नातक की शिक्षा अर्जित करने के बाद बनाई थी।
रिक्लिस की फिल्म 'कप फाइनल' अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खूब सराही गई, जिसे उन्होंने 1999 के 'वलकैनो जंक्शन' को श्रद्धांजलि देते हुए बनाया था। निर्देशक ने कहा कि उनके देश में आज भी स्वतंत्र निर्माता नहीं हैं, जो फिल्मों में पैसे लगाने के लिए तैयार हों।
उनके अनुसार इजराइल में फिल्मों के निर्माण के लिए सरकार ही आर्थिक रूप से मदद करती है। इजराइल के विदेश मंत्री उनकी फिल्मों को विदेश भेजते हैं। अब वे यह समझने लगे हैं कि फिल्मों को बाहर भेजने से वहां चर्चा का माहौल बन सकता है।
निर्देशक के अनुसार सत्य घटनाओं पर आधारित होने के कारण ही इजराइली फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पसंद किया जा रहा है। विदेशों में इजराइली फिल्में इसलिए भी देखी जा रही हैं ताकि वे इजराइल को अच्छी तरह समझ सकें।
रिलिक्स ने कहा कि 1960 और 1970 के दौरान इजराइली फिल्म इंडस्ट्री की हालत अच्छी थी, लेकिन टेलीविजन के आने के बाद इसका स्तर काफी गिरा। हालांकि पिछले पांच वर्षो में इंडस्ट्री ने एक बार फिर से आगे बढ़ना शुरू कर दिया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।