नलिनी की रिहाई में लगेगी देर
महाधिवक्ता जी. मासिलमानी द्बारा मामले में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए समय की मांग करने पर न्यायाधीश एस. नागमुथु ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2000 में नलिनी को मृत्युदंड की सजा दी थी। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवेदन और तमिलनाडु के राज्यपाल की सिफारिश पर उसकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया।
नलिनी के वकील एस. दोरईस्वामी ने उसकी सजा पूरी होने से पहले रिहाई के लिए मई में मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। नलिनी की बेटी लंदन में अपने चाचा के साथ रहती और अपनी मां की नागरिकता के आधार पर भारतीय नागरिकता चाहती है।
नलिनी
के
पति
श्रीहरन
उर्फ
मुरुगन
को
भी
मृत्युदंड
की
सजा
सुनाई
गई
है
और
उसने
दया
की
अपील
की
है।
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