संकट में अनिल
ब्रिटेन के एक अखबार के मुताबिक एमटीएन और आरकॉम जहां सौदे के विभिन्न ढांचों पर काम कर रही हैं, वहीं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सौदे का कोई भी ढांचा उसे मुकेश अंबानी के वकीलों से नहीं बचा सकेगा।
मॉर्गन स्टैनली के दूरसंचार विशेषज्ञ सीन गर्डिनर का कहना है कि एमटीएन को आरकॉम से कानूनी आश्वासन लेना पड़ेगा कि वह मुकेश के नेतृत्व वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज की किसी भी पहल से खुद को बचाने में समर्थ होगी।
उल्लेखनीय है कि जबसे रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आरकॉम में किसी भी किस्म की नियंत्रक हिस्सेदारी के अधिग्रहण के मामले में पहले इनकार करने के अधिकार का दावा किया है, तभी से इस सौदे पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एमटीएन और आरकॉम, दोनों को धमकी दी है कि यदि उसके अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो वह कानूनी कार्रवाई करेगी।
उधर
रिलायंस
इंडस्ट्र्रीज
ने
इस
मामले
पर
बैठक
न
किए
जाने
पर
कानूनी
कार्रवाई
की
बात
कही
थी,
जिसके
एवज
में
आरकॉम
ने
अगले
हफ्ते
बैठक
की
पेशकश
की।
रिलायंस
इंडस्ट्रीज
ने
आरकॉम
की
इस
पेशकश
को
ठुकरा
दिया।
एमटीएन
और
आरकॉम
सौदे
के
तहत
अनिल
अंबानी
51
फीसदी
शेयर
पर
कब्जा
जमाना
चाहते
हैं।
इसके
लिए
दोनों
कंपनियों
के
बीच
45
दिन
की
अवधि
तय
की
गई
थी,
जिसकी
मियाद
8
जुलाई
को
पूरी
हो
रही
है।
यही
नहीं
इसे
देखते
हुए
अवधि
चार
सप्ताह
तक
आगे
बढ़ाई
जा
सकती
है।