अमरनाथ मुद्दे पर आडवाणी मौन
आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर हों या योग गुरु रामदेव अथवा भाजपा की सुषमा स्वराज या राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सुरेश सोनी सभी की एक ही राय थी कि धार्मिक स्थल को जमीन दिए जाने पर बवाल क्यों हो रहा है?
श्री श्री रविशंकर का कहना है कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन दिए जाने पर जम्मू कश्मीर में जो हो रहा है वह ठीक नहीं है। अमरनाथ की यात्रा करने वालों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आवंटित की गई जमीन का विरोध अच्छे आचरण का परिचायक नहीं है। अमरनाथ अथवा कोई अन्य धार्मिक यात्रा तय करने का अधिकार सरकार नहीं धर्म गुरुओं के पास होना चाहिए।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि श्राइन बोर्ड को जमीन देना कोई अपराध नहीं है। अमरनाथ की यात्रा पर जो कुछ भी हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह इस देश का दुर्भाग्य है कि हर निर्णय को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की जाती है। उन्होंने चीन के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जब वहां आश्रम बनाने के लिए जमीन मिल सकती है तो अपने ही देश में जमीन दिए जाने पर विवाद क्यों हो रहा है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने बहुसंख्यक हिंदुओं की अमरनाथ यात्रा करने वालों को जमीन आवंटित किए जाने पर मचे हाय-तौबा पर सवाल करते हुए कहा कि यह सब कुछ छद्म पंथ निरपेक्षता की वजह से हो रहा है। उन्होंने कहा कि हज यात्रा के लिए सरकार की ओर से तमांम सुविधाएं मुहैया कराई जाती है तब कोई विरोध नहीं करता है, मगर श्राइन बोर्ड को जमीन देने पर इतना बवाल क्यों मचा है, इसकी वजह उनकी समझ से परे है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सर कार्यवाह सुरेश सोनी ने तमाम जिम्मेदार राजनैतिक दलों के नेताओं द्वारा अमरनाथ मामले में चुप्पी साधने पर सवाल दागे। उन्होंने कहा कि आज अमरनाथ के मुद्दे पर कोई बोलने को तैयार नहीं है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
हिंदूवादी सोच के पैरोकार के रूप में पहचान बना चुके पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने अमरनाथ के मुद्दे पर मौन रहकर सभी को अचरज में डाल दिया। ऐसा क्या हुआ कि वे इस मुद्दे पर मौन रहे? इस सवाल का जवाब खोजने में लोग लग गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।