अमरनाथ विवाद : जम्मू में हिंसक झड़पों में 70 घायल (लीड-2)
जम्मू, 1 जुलाई (आईएएनएस)। जम्मू में मंगलवार को हिसक प्रदर्शन पर पाबंदी लगाए जाने के बाद भी हुई झड़पों में कम से कम 70 लोग घायल हुए, जिसमें पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।
राज्य सरकार द्वारा श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) को भूमि आवंटित किए जाने का फैसला रद्द किए जाने के बाद जम्मू में हिंसक प्रदर्शन तेज हो गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमने जम्मू में धारा 144 लागू कर दी है, जिसके तहत प्रदर्शन करने पर पाबंदी है।"
सरकार द्वारा अमरनाथ यात्रा प्रबंधन अपने हाथ में लिए जाने के विरोध में लगातार दो दिन से जारी हिसक झड़पों में 70 लोग घायल हुए हैं, जिसमें कई की हालत गंभीर बताई गई है। पुलिस उप महानिरीक्षक फारुक खान ने बताया, "क्षेत्र में स्थिति बेहद तनावपूर्ण है।"
पुलिसकर्मियों ने पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां और आंसू गैस छोड़े। जम्मू के अंफाला इलाके में क्रुद्ध प्रदर्शनकारियों के पथराव में पुलिस अधीक्षक संजय कोटवाल समेत करीब छह पुलिसकर्मी घायल हो गए।
मुथि-दोमाना इलाके में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा कथित रूप से की गई गोलीबारी और लाठी चार्ज में कम से कम 35 लोग घायल हो गए। घायलों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। यहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा जम्मू बंद का आह्वान किए जाने से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।
व्यावसायिक प्रतिष्ठान और शैक्षिक संस्थान मंगलवर को भी बंद रहे। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी बंद से प्रभावित हुई है। शिवसेना, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल भी सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
राज्य के ऊधमपुर, रामबन, राजौरी और सांबा जिले में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और राज्यपाल एन. एन. वोहरा के पुतले जलाए। इसके अलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद और उनकी बेटी महबूबा के भी पुतले फूंके गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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