उड़ीसा में स्वास्थ्य घोटाले में 7 के खिलाफ मामला दर्ज
भुवनेश्वर, 1 जुलाई (आईएएनएस)। उड़ीसा के बहुचर्चित स्वास्थ्य घोटाले में निगरानी विभाग ने भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) के एक अवकाश प्राप्त अधिकारी समेत सात अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया।
विश्व बैंक की सहायता से राज्य में 7.64 करोड़ डॉलर की उड़ीसा स्वास्थ्य प्रणाली विकास परियोजना (ओएचएसडीपी) में भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आने के बाद यह कदम उठाया गया है।
निगरानी विभाग के एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "हमने अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी मायाधारा पाणिग्राही और छह अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। इन सभी ने अपने कार्यकाल के दौरान परियोजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरती थीं।"
वर्ष 1998 में शुरू की गई यह परियोजना वर्ष 2006 में पूरी हुई। परियोजना के संबंध में वर्ष 2006 में विश्व बैंक द्वारा जारी समीक्षा रिपोर्ट में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया था।
रिपोर्ट के अनुसार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और कुछ अन्य अधिकारियों ने एक खास कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत ली थी। विपक्षी दलों के लगातार दबाव के बाद राज्य सरकार ने निगरानी विभाग को जांच करने के आदेश जारी किए थे।
पाणिग्राही के अलावा परियोजना के संयुक्त निदेशक सुगत कार, सहायक निदेशक तारामणि पटनायक, उप निदेशक राजेश मिश्रा, वित्तीय सलाहकार व मुख्य लेखा अधिकारी बिभूति भूषण मिश्रा, कार्यकारी अभियंता बिजय चंद्र त्रिपाठी और खरीद नियंत्रण विभाग के उपप्रमुख एस. बालगोपाल शामिल हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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