शोधकर्ता और फिल्म निर्माता बने किसान
नई दिल्ली, 1 जुलाई(आईएएनएस)। आंध्रप्रदेश में पारंपरिक स्थानीय खाद्य प्रणालियों को संरक्षित करने की एक अनूठी पहल के तहत अनपढ़ किसानों को शोधकर्ता और फिल्म निर्माता बनने का मौका दिया गया है।
नई दिल्ली, 1 जुलाई(आईएएनएस)। आंध्रप्रदेश में पारंपरिक स्थानीय खाद्य प्रणालियों को संरक्षित करने की एक अनूठी पहल के तहत अनपढ़ किसानों को शोधकर्ता और फिल्म निर्माता बनने का मौका दिया गया है।
लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरमेंट एंड डेवलपमेंट(आईआईईडी), गैर-सरकारी संगठन डक्कन डेवलपमेंट सोसायटी(डीडीएस) और ग्राम-आधारित महिला संगठनों, जिन्हें संघम कहा जाता है, द्वारा यह अनूठी परियोजना शुरू की गई है। इसके तहत खाद्य पदाथोर्ं, अनाज, बीज को सुरक्षित रखने के पुराने तौर-तरीकों को संरक्षित करने की पहल की गई है। इससे कृषिगत जैवविविधता और खेती के पारंपरिक तौर-तरीकों के संरक्षण में मदद मिल रही है।
आईआईईडी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश के मेडक जिले के सैकड़ों गांवों में यह परियोजना चल रही है। इसमें किसानों को बतौर शोधकर्ता शामिल किया गया है। यहां तक कि उनके प्रयासों को एक किताब और फिल्मों में समेटने की कोशिश की जा रही है।
इन प्रयासों पर फिल्म तैयार करने के लिए स्थानीय किसानों और महिलाओं को वीडियोग्राफी से अवगत कराया गया है। डीडीएस के संस्थापक पी़वी सतीश ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि इस परियोजना में किसानों की जबर्दस्त दिलचस्पी है। सतीश दूरदर्शन में काम कर चुके हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।