सर्वोच्च न्यायालय ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध को जायज ठहराया
नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एक निर्णय में देश में खाद्यान्न सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा गैर बासमती चावल के निर्यात पर इस वर्ष के प्रारंभ में रोक लगाने के निर्णय को जायज ठहराया है।
नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एक निर्णय में देश में खाद्यान्न सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा गैर बासमती चावल के निर्यात पर इस वर्ष के प्रारंभ में रोक लगाने के निर्णय को जायज ठहराया है।
केंद्र सरकार के प्रतिबंध को सही ठहराते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अल्तमश कबीर और न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी की अवकाशकालीन पीठ ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के राज्य की चावल निर्यात करने वाली कुछ कंपनियों से प्रतिबंध हटाने के निर्णय को रद्द कर दिया।
सर्वोच्च न्यायालय ने चावल निर्यात आर्डरों को भी स्थगित करने का आदेश दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की एक याचिका पर यह निर्णय दिया है।
केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पी.पी. मल्होत्रा ने कहा कि देश में संभावित खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है।
केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से विभिन्न उच्च न्यायालयों में प्रतिबंध हटाने के लिए दायर 38 याचिकाओं को भी अपने यहां स्थानांतरित करने के लिए आदेश देने का आग्रह भी किया।
केंद्र के अनुरोध को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में याचिका दाखिल करने वाली 38 कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं।
इसके पहले आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने करीब आठ कंपनियों को इस आधार पर चावल निर्यात करने की अनुमति दी थी कि वह प्रतिबंध लागू होने से पहले ही अपने विदेशी व्यापारिक साझेदारों के प्रति वचनबद्ध हैं।
चावल निर्यात कंपनियों ने इसके पहले भी उच्च न्यायालय में प्रतिबंध को इस आधार पर चुनौती दी थी कि इससे अपनी उपज के बेहतर मूल्य प्राप्त करने के किसानों के अधिकार पर प्रभाव पड़ेगा।
जिन कंपनियों को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने गैर बासमती चावल निर्यात की अनुमति दी थी उनमें वैष्णवी इंडस्ट्रीज, पवन जैन एंड संस, एलएमजे इंटरनेशनल लिमिटेड, सरला फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम बालाजी राइस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और भारत एक्सपोर्ट शामिल हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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