भारतीय बाजार पर विदेशी खिलौना कंपनियों की नजर
अजरा रहमान
अजरा रहमान
नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। दुनिया की जानी-मानी खिलौना निर्माता कंपनियां माट्टेल, लेगो, वूलवर्थ आदि भारत को एक बड़े संभावित बाजार के रूप में देखती हैं।
यह बात यहां आयोजित एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय खिलौना मेले 'टॉय बिज इंटरनेशनल 2008' में आए विशेषज्ञों ने कही। यह मेला 27 जून को प्रारंभ हुआ और सोमवार को समाप्त हो गया।
अपने स्तरीय खिलौनों के साथ भारतीय बाजारों में उतरने को बेकरार इटली की खिलौना कंपनी जिओची प्रेजिओसी स्पा की अंतर्राष्ट्रीय विक्रय प्रबंधक एलिसा इनोच ने आईएएनएस से कहा, "यह पहला मौका है जब हम इस अंतर्राष्ट्रीय मेले में भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर हम अधिक से अधिक वितरकों से संबंध बनाना चाहते हैं ताकि भारतीय बाजार में प्रवेश कर सकें।"
जर्मनी की खिलौना कंपनी टिप्प-किक के निर्देशक थामस मेस्टरक्ने ट ने कहा, "भारत का खिलौना बाजार जर्मनी जैसा बड़ा तो नहीं है लेकिन फिर भी यहां पर्याप्त संभावनाएं हैं। यही वजह है कि अनेक बड़ी कंपनियां इस ओर रुख कर रही हैं।"
टिप्प-किक तीन से 16 आयुवर्ग के बच्चों के लिए खिलौने बनाती है जिनकी कीमत 1,695 रुपये से लेकर 3,800 रुपये के बीच है।
गौरतलब है कि देश का 35 अरब रुपये सालाना का खिलौना व्यवसाय वैश्विक बाजार का 0.5 फीसदी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।