भारत-नेपाल सीमा विवाद गहराने के आसार
सुदेशना सरकार
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काठमांडू , 30 जून (आईएएनएस)। भारत के पूर्ववर्ती ब्रिटिश शासकों द्वारा नेपाल के एक-तिहाई क्षेत्र पर कब्जा करने से संबंधित विवाद को नेपाल में फिर नया जीवन मिल गया है।
नेपाल फिल्म विकास बोर्ड द्वारा तीन वर्ष बाद घोषित किए गए पुरस्कारों में मनोज पंडित के विवादास्पद वृत्तचित्र को ' क्रिटिक्स च्वायस अवार्ड' के लिए चुना गया है। माओवादी प्रमुख प्रचंड सोमवार को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे।
नेपाली फिल्म निर्माता मनोज पंडित की वृहत्तर नेपाल के निर्माण विषय पर बने वृत्तचित्र में दिखाया गया है कि 19 वीं सदी में भारत पर शासन करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के बीच हुए युद्ध में हार के बाद सुगौली संधि के द्वारा नेपाल की एक-तिहाई जमीन पर भारत का कब्जा हो गया।
भारत की स्वतंत्रता के बाद नेपाल ने सुगौली संधि को समाप्त करने के लिए काफी प्रयास किया। नेपाल में राजतंत्रवादी और माओवादी दोनों इस संधि के खिलाफ हैं।
एकीकृत नेपाल नेशनल फ्रंट नामक संगठन ने भारत से जमीन वापस करने की मांग शुरू की है। इसके अध्यक्ष फणींद्र नेपाल द्वारा लिखित पुस्तक 'वृहत्तर नेपाल' ने मनोज पंडित के वृत्तचित्र के लिए मूल सामग्री का काम किया है।
नेपाल के राष्ट्रवादियों का कहना है कि 1950 में भारत-नेपाल के बीच हुई मैत्री और शांति संधि के बाद सुगौली संधि समाप्त हो चुकी है। उनका कहना है कि भारत को पहले की संधि के प्रावधानों को समाप्त करके कब्जा की गई जमीन नेपाल को वापस कर देनी चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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