सैफ में खूब सराही गईं पाक फिल्में
फ्रेडरिक नरोन्हा
फ्रेडरिक नरोन्हा
पणजी, 30 जून (आईएएनएस)। यहां आयोजित दक्षिण एशियाई फिल्म महोत्सव (सैफ) में पाकिस्तान की फिल्में खूब सराही गईं। इसमें प्रदर्शित कुल 45 फिल्मों में से नौ फिल्में पाकिस्तान की थीं।
इन फिल्मों के जरिए आतंकवाद, कट्टरपंथ, देसी समाज बनाम पश्चिमीकरण जैसे विषयों पर विचारोत्तेजक बहस छेड़ने की कोशिश की गई। पेशे से पत्रकार शर्मीन ओबैद चिनॉय के वृतचित्र 'डबल गेम' को इसमें खूब सराहा गया। वर्ष 2005 में बनी इस फिल्म को भले ही भरपूर प्रचार नहीं मिल पाया, लेकिन इसे लोगों की खूब सराहना मिली।
पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में अहम स्थान हासिल है और पाक सरकार का दावा है कि दहशतगर्दी के खिलाफ अभियान में वह पूरी ईमानदारी बरत रही है। यह फिल्म इस धारणा और दावे की कलई खोलती है। फिल्म में बताया गया है कि कैसे पाकिस्तान इस मसले के बहाने पश्चिम देशों के चंगुल में फंसता जा रहा है।
'फिल्म खुदा के लिए' को सोमवार को समाप्त हुए इस महोत्सव में जबर्दस्त सराहना मिली। इस फिल्म में कट्टरपंथ को लपेटे में लिया गया है। इस महोत्सव में चिनॉय की दूसरी फिल्म 'वूमेन ऑफ द हॉली किंगडम' ने भी प्रशंसा बटोरी। इस फिल्म में सऊदी अरब की महिलाओं के संघर्ष को दिखाया गया है। इसी तरह 'खामोश पानी', 'जर्नी थ्रू अफगानिस्तान एंड इराक', 'द लॉस्ट जेनरेशन', 'वर्ल्ड का सेंटर', 'चांदनी' और 'रिइनवेंटिंग द तालिबान' जैसी फिल्में भी आकर्षण का केंद्र बनी रहीं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।