देश में कुशल इंजीनियरों की बेहद कमी - प्रतिभा पाटिल
ग्वालियर ,30 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा है कि देश में कुशल इंजीनियरों की बेहद कमी है। राष्ट्रपति ने कहा कि हर साल साढ़े चार लाख इंजीनियर तैयार हो रहे हैं, मगर उनमें से सिर्फ 39 फीसदी इंजीनियरों को ही नौकरी मिल पर रही है। इसका एक बड़ा कारण उनकी कुशलता में कमी है। इसलिए शैक्षणिक संस्थानों को अपनी प्रशिक्षण विधियों और पाठ्यक्रमों को उन्नत करना होगा।
माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर डाक टिकट जारी करते हुए पाटिल ने कहा कि आज छात्रों को ऐसी शिक्षा दिए जाने की जरूरत है जिससे वे राष्ट्र की उन्नति के लिए समर्पित होकर कार्य करें। उन्होंने भावी इंजीनियरों को सलाह दी कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वहां की जरूरतों को समझें और सामाजिक चेतना पैदा करने में मददगार साबित हों।
आजादी के बाद शिक्षा जगत और अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। इंजीनियरिंग संस्थानों को तय करना होगा कि वे भविष्य की चुनौतियों का किस तरह से सामना करें और विद्यार्थी अपने आप को भविष्य के लिए किस तरह तैयार करें।
समारोह के अध्यक्ष केन्दीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अग्रणी है। आज ज्ञान आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राज्य के संस्कृति एवं जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने कहा कि देश में शिक्षा का स्तर सुधरा है जिसके कारण प्रतिभाओं का पलायन रूका है। इस समारोह में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कई प्राध्यापकों को सम्मानित किया गया ।
इन्डो - एशियन न्यूज सर्विस
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