भारत-नेपाल की खुली सीमा बंद करना चाहता है चीन
काठमांडू, 29 जून (आईएएनएस)। भारत की नेपाल के साथ खुली सीमा नीति से चिंतित चीन चाहता है कि नेपाल अपनी सीमा पर कड़ा नियंत्रण लगाए।
काठमांडू, 29 जून (आईएएनएस)। भारत की नेपाल के साथ खुली सीमा नीति से चिंतित चीन चाहता है कि नेपाल अपनी सीमा पर कड़ा नियंत्रण लगाए।
चीन का मानना है कि तिब्बत में दमन के खिलाफ नेपाल में चीनी दूतावास के सामने लगातार तीन महीने चले तिब्बती विरोध प्रदर्शनों के लिए भारत के साथ खुली सीमा काफी अधिक जिम्मेदार है।
गौरतलब है कि भारत और नेपाल के बीच 50 वर्ष पहले हुई शांति और मैत्री संधि के अनुसार दोनों देशों के नागरिक करीब 1800 किलोमीटर लंबी सीमा के दोनों ओर बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं।
चीन के अधिकारियों का मानना है कि तिब्बत से भागकर नेपाल आने वाले लोग खुली सीमा का लाभ उठाकर भारत चले जाते हैं। अपनी सुविधा के हिसाब से वह फिर नेपाल वापस आ जाते हैं। चीन के अनुसार भारत द्वारा प्रोत्साहित तिब्बतियों ने काठमांडू में चीन विरोधी प्रदर्शनों में बड़ी भूमिका निभाई है।
चीन के दौरे पर गए नेपाली पत्रकारों के एक दल के वापस लौटने के बाद नेपाल मैग्जीन में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि नेपाल में चीन विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए खुली सीमा पर नियंत्रण कड़ा करना बहुत आवश्यक है।
बीजिंग स्थित एशिया-प्रशांत इंस्टीट्यूट के नेपाल विशेषज्ञ प्रोफेसर वांग हांग-वेई ने कहा कि भारत नेपाल को सिक्किम या भूटान की स्थिति में देखना चाहता है, लेकिन चीन नेपाल की संप्रभुता, स्वतंत्रता और सम्मान को कायम बनाए रखने के लिए हर सहायता देगा।
कई नेपाली विश्वास करते हैं कि भारत की मंशा नेपाल को सिक्किम जैसा अधीनस्थ या भूटान जैसे पड़ोसी देश के रूप में बनाने की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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