घटिया और गीले कोयले के कारण बिजली संकट से जूझ रहा है प. बंगाल
अपराजिता गुप्ता
अपराजिता गुप्ता
कोलकाता, 29 जून (आईएएनएस)। भारी वर्षा और बाढ़ की चुनौतियों का सामना करने के बाद पश्चिम बंगाल इन दिनों बिजली संकट से जूझ रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि गीला और घटिया गुणवत्ता वाला कोयला राज्य के ताप विद्युत घरों पर बुरा प्रभाव डाल रहा है।
राज्य की प्रमुख विद्युत उत्पादक कंपनी , 'वेस्ट बंगाल पावर डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड' (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी की अधिकतर इकाइयां अपनी क्षमताओं से काफी कम काम कर रही हैं।
डब्ल्यूबीपीडीसीएल के कार्यकारी निदेशक पी.के. चक्रवर्ती ने कहा, "गीले और घटिया कोयले की आपूर्ति के कारण सभी इकाइयों का उत्पादन प्रभावित हुआ है।"
कम उत्पादन के कारण राज्य भर में बिजली संकट उत्पन्न हो गया है और लोगों को गाहे बगाहे होने वाली बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है।
गौरतलब है कि डब्ल्यूबीपीडीसीएल से रोजाना 2,000 से 2,300 मेगावाट बिजली की अपेक्षा की जाती है लेकिन वह मात्र 1,900 मेगावाट बिजली की आपूर्ति ही कर पा रहा है।
शहरी क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति करने वाली कंपनी सीईएससी लिमिटेड मात्र 975 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर पा रही है जबकि शहर में व्यस्त समय में मांग बढ़कर 1,400 मेगावाट तक पहुंच जाती है। ऐसे में वह मदद के लिए डब्ल्यूबीपीडीसीएल पर निर्भर है।
समस्या के स्थायी हल के बारे में पूछे जाने पर सीएसईसी के प्रवक्ता ने कहा, "हम बज बज में अपना तीसरा संयंत्र लगाने जा रहे हैं। यह सितंबर- अक्टूबर 2009 में काम करना प्रारंभ कर देगा इससे समस्या हल करने में मदद मिलेगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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