बौनों की गुहार, 'कोई मेरी भी शादी करा दे'
सुखनंदन और कामता चढार सगे भाई हैं। दोनों मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के दोर गांव में परचून की दुकान चलाते हैं। सुखनंदन की उम्र 36 वर्ष है तो कामता 38 साल के हैं। दोनों का कद तीन फुट से कम है। कभी इनका भी परिवार एक साथ रहा करता था। पिता की मौत के बाद तीन बड़े भाई जो सामान्य कद काठी के हैं ब्याह रचाकर परिवार से अलग हो गए। सुखनंदन और कामता इसकी वजह अपने बौनेपन को मानते हैं।
दोनों भाई कहते हैं कि उनकी दाल-रोटी अच्छे से चल रही है। उनकी मां भी उनके साथ रहती है। उनके जीवन में कोई कमी नहीं हैं। अगर हैं तो वह जीवन संगिनी की। वे चाहते हैं कि उन्हें भी जोड़ीदार मिल जाए ताकि उनका जीवन और सुखमय हो जाए।
दोनों भाइयों का हुलिया एक दूसरे से इस तरह मेल खाता है कि लोग भ्रमित हो जाते हैं। मुलाकात सुखनंदन से होती है तो उसे कामता समझकर चर्चा करते हैं। कई बार तो लोग इतने भ्रमित हुए कि बात कामता से बिगड़ी और झगड़ा सुखनंदन से कर बैठे। फिलहाल दोनों भाई अपने में मस्त हैं। उन्हें उम्मीद है कि वह दिन भी आएगा जब वे भी घोड़ी पर चढ़कर दुल्हन लेने जाएंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।