हिंदी के बिना देश का विकास असंभव : राष्ट्रपति
इंदौर, 28 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा है कि राष्ट्रभाषा के बिना किसी भी देश का विकास संभव नहीं है, इसलिए हिंदी को और समृद्धि बनाए जाने की जरूरत है।
इंदौर में 'मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति' के शोधकेंद्र का उद्घाटन और शताब्दी भवन के शिलान्यास समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि हिंदी हमारी एकता, दर्शन, विचार, नैतिकता और सांस्कृतिक मूल्यों का आईना है।
इस मौके पर पाटिल ने कहा कि यह संचारक्रांति का युग है। सारी दुनिया कंप्यूटर से जुड़ गई है। ऐसे में हिंदी को और आगे बढ़ाना होगा। इससे एक नई क्रांति का जन्म होगा और हिंदी को तकनीकी आधार मिलेगा।
सिनेमा और टेलीविजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन जनमाध्यमों से पूरे देश में हिंदी की क्रांतिकारी लहर चल पड़ी है। इससे हिंदी भाषा को नया आयाम मिला है।
उन्होंने कहा कि हिंदी केवल भारत तक सीमित नहीं है। वर्तमान दौर में हिंदी का प्रयोग पूरी दुनिया में हो रहा है। अब यह अंतर्राष्ट्रीय भाषा बन गई है। इसके प्रति विदेशों में भी दिलचस्पी बढ़ी है। विदेशी विश्वविद्यालयों में हिंदी विभाग स्थापित किए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने विदेशों में हिंदी के बढ़ते प्रभाव का श्रेय अनिवासी भारतीयों को दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।