जरदारी ने कश्मीर की स्वायत्ता का समर्थन किया
लंदन में दो दिन के 'तहलका सम्मेलन' में 'भारत और पाक - नए भविष्य की रूपरेखा' विषय पर शुक्रवार रात को बोलते हुए जरदारी ने कहा कि इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं होने के बावजूद भारतीय प्रधानमंत्री के सुझाव से पाकिस्तान सहमत है।
जरदारी ने कहा कि विदेश और रक्षा से जुड़े मामलों पर फैसला लेने के लिए दोनों देशों और कश्मीर के नेताओं का एक संयुक्त आयोग गठित किया जा सकता है। जरदारी का बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भारत की चार दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली में हैं।
जरदारी के अनुसार भारत-पाक कश्मीर में शांति स्थापित कर सकते हैं जिससे कि भविष्य में और लोगों को जान नहीं गंवानी पड़े। उनका कहना है कि कश्मीर मामले को सुलझाने में हो रही देरी का असर अन्य क्षेत्रों में होने वाले सहयोग पर नहीं पड़ना चाहिए।
जरदारी ने दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग, मीडिया का आदान-प्रदान, सीमा पार मुक्त परिवहन, खेल और मनोरंजन गतिविधियां, सूचना तकनीक और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का सुझाव दिया।
उन्होंने दोनों देशों के बीच वीजा अनिवार्यता समाप्त करने पर भी बल दिया। इसके लिए जरदारी ने जर्मनी और फ्रांस जैसे पुराने शत्रुओं का उदाहरण दिया, जिनके बीच यात्रा के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती है। जरदारी ने कहा कि पाक सरकार ने ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइप लाइन को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस