कश्मीर में 90 के दशक जैसे हालात : उमर अब्दुल्ला
मुरली कृष्णन
मुरली कृष्णन
नई दिल्ली, 27 जून(आईएएनएस)। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का कहना है कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन दिए जाने को लेकर कश्मीर घाटी में पैदा हुए असंतोष और हिंसा से 90 के दशक की अशांति याद आ गई है।
अब्दुल्ला ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, "पिछले चार दिनों में कश्मीर घाटी में जिस तरह की अराजकता और उथल-पुथल देखी गई, उससे मुझे 90 के दशक का माहौल याद आ गया। तब इसी तरह असंतोष और आक्रोष का माहौल था। दुकानें बंद हो गई थीं और सड़कों पर हिंसा का आलम था। हिंसक टकाराव का माहौल अनहोनी को दावत दे रहा था। घाटी में पिछले चार दिनों में ऐसा ही माहौल दिखाई दिया।"
उनका मानना है कि अमरनाथ बोर्ड सरकार को यह जमीन लौटाकर माहौल को शांत करने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, "अगर बोर्ड चाहता है कि घाटी में शांति लौट आए तो वह खुद यह जमीन सरकार को लौटा दे। अमरनाथ यात्रा हमेशा से कश्मीरियत का प्रतीक रही है। वह अपनी मर्जी से जमीन लौटाकर शांति की बहाली में योगदान दे सकता है। मैं मानता हूं कि यह विरोध सुनियोजित नहीं है। कश्मीर के लोग जमीन के हस्तांतरण को लेकर हमेशा से संवेदनशील रहे हैं। कई कश्मीरियों का मानना है कि जमीन पर नियंत्रण बनाए रखकर ही कश्मीर की पहचान को बचाया जा सकता है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।