करोड़ों जिंदगियों में जहर घोलते मादक पदार्थो के खिलाफ मुहिम (मादक पदार्थ निरोधक दिवस पर विशेष)
नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)। दुनिया भर में करीब 20 करोड़ लोग कोकीन, अफीम, मार्फीन, हेरोइन, मारिजुआना, हशीश जैसे मादक पदार्थो की गिरफ्त में हैं, और इस नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए दुनिया की तमाम सरकारें वर्षो से जी-जान से जुटी हुई हैं।
इन्हीं कोशिशों के तहत दुनिया भर में हर साल 26 जून का दिन मादक पदार्थो के दुरूपयोग और उनके अवैध व्यापार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह सिलसिला पिछले 21 वर्ष से जारी है, बावजूद दुनिया के तमाम देशों में मादक पदार्थो की जकड़न कमजोर नहीं पड़ी है।
दुनिया भर को नशे के चंगुल से मुक्त कराने और इसका अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में सात दिसंबर 1987 में एक प्रस्ताव पारित कर हर साल इस दिवस को मनाने का फैसला लिया गया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में 1998 में मादक पदार्थो की विश्वव्यापी समस्या पर आयोजित विशेष सत्र में जारी बयान में कहा गया था, "मादक पदार्थो से जीवन और समुदाय तबाह होते हैं, मानव के सतत विकास की अनदेखी होती है और अपराध पनपते हैं। मादक पदार्थ हर देश, हर समाज व हर तबके को प्रभावित करते हैं। खासतौर पर युवाओं की स्वतंत्रता और विकास को प्रभावित करते हैं, जो विश्व की सबसे मूल्यवान संपत्ति हैं।"
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य नशे के दानव के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाना और लोगों के इस वजह से पेश आने वाली चुनौतियों से आगाह करना है। जहां भी यह अवैध कारोबार चलता है, वहां कोई भी व्यक्ति, परिवार या समुदाय महफूज नहीं है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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