पाकिस्तान को मुहैया कराए गए धन पर अमेरिका में उठे सवाल
वाशिंगटन, 25 जून (आईएएनएस)। आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान को जारी 5.6 अरब डालर के कोष पर अमेरिका में सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह कोष जारी करने में आवश्यक ऐहतियात और जवाबदेही पर ध्यान नहीं दिया गया।
वाशिंगटन, 25 जून (आईएएनएस)। आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान को जारी 5.6 अरब डालर के कोष पर अमेरिका में सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह कोष जारी करने में आवश्यक ऐहतियात और जवाबदेही पर ध्यान नहीं दिया गया।
अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में 'गठबंधन सहायता कोष' (सीएसएफ) के तहत 11 सितंबर 2001 से अब तक लगभग 5.6 अरब डालर दिए हैं।
मंगलवार को जारी अमेरिका के 'गवर्नमेंट एकाउंटेबिलिटी ऑफिस' (जीएओ) की एक रिपोर्ट पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए 'हाउस कमेटी ऑन फॉरेन अफेयर्स' के अध्यक्ष हावर्ड एल. बरमैन ने कहा, "यह जानकर मैं हतप्रभ हूं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए पाकिस्तान को अरबों डालर की सहायता राशि जारी करने में जरूरी ऐहतियात और जवाबदेही को नजरअंदाज किया गया।"
जीएओ ने जांच में पाया है कि कुछ मामलों में बुश प्रशासन पाकिस्तान को धन मुहैया करवाने के बारे में अपना पक्ष स्पष्ट नहीं कर पाया। कई मामले ऐसे पाए गए जिनमें पाकिस्तान को सड़कें बनवाने के लिए धन मुहैया कराया गया है, लेकिन सड़कें बनी अथवा नहीं इस बारे में किसी साक्ष्य का जिक्र नहीं है।
जीएओ के मुताबिक पाकिस्तानी सेना को चुकाई गई प्रतिपूर्ति लागत से संबंधित कुछ दस्तावेज भी जाली हो सकते हैं।
बरमैन ने कहा, "रिपोर्ट में सवाल किया गया है कि बिना किसी साक्ष्य के आतंकवाद के खात्मे के प्रयासों के तहत जारी किए गए कोष का कैसे इस्तेमाल किया गया?"
बरमैन ने कहा कि आतंकवाद के खात्मे के प्रयासों के तहत पाकिस्तान को मुहैया कराए जाने वाले धन की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा प्रणाली पर उनकी समिति फिलहाल बारीकी से नजर रखेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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