मध्यप्रदेश में मीसा बंदियों को मासिक पेंशन शुरू (लीड-1)
भोपाल 25 जून,(आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहे राजनीतिक कार्यकर्त्ताओं को राज्य सरकार ने प्रति माह पेंशन देना शुरू कर दिया है और इस पेंशन को नाम दिया है लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि का। आपातकाल की 33 वीं सालगिरह पर मीसा बंदियों का सम्मान करते हुए सरकार ने यह घोषणा की। इसके तहत एक माह से लेकर 19 माह तक जेल में रहने वाले मीसा बंदियों को छह हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।
भोपाल 25 जून,(आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहे राजनीतिक कार्यकर्त्ताओं को राज्य सरकार ने प्रति माह पेंशन देना शुरू कर दिया है और इस पेंशन को नाम दिया है लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि का। आपातकाल की 33 वीं सालगिरह पर मीसा बंदियों का सम्मान करते हुए सरकार ने यह घोषणा की। इसके तहत एक माह से लेकर 19 माह तक जेल में रहने वाले मीसा बंदियों को छह हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतीकात्मक तौर पर कुछ मीसा बंदियों को मंच पर बुलाकर उनका अभिनन्दन किया। चौहान ने कहा कि मीसा बंदियों को यह पेंशन नहीं हैं, बल्कि उनका सम्मान है।
इस मौके पर चौहान ने कहा कि आपातकाल ने कई घरों और परिवारों को बर्बाद कर दिया था। लोगों को आजादी की लड़ाई में जो यातनाएं नहीं भोगनी पड़ीं थी वह आपातकाल में भोगनी पड़ीं। उस दौर की याद करके रूह कांप जाती है। इतना दमन होने के बावजूद लोकतंत्र के सेनानियों ने हार नहीं मानी और आखिरकार जीत भी लोकतंत्र की ही हुई।
सम्मान समारोह में उपस्थित प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों सुन्दरलाल पटवा और कैलाश जोशी ने आपातकाल के दिनों की चर्चा करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई के सेनानियों के लिए तो सजा तय होती थी मगर मीसा बंदियों की सजा तय नहीं थी। आपातकाल के जरिए लोकतंत्र को समाप्त करने की कोशिश की गई थी मगर इस मंशा को देश की जनता ने पूरा नहीं होने दिया।
मीसा बंदियों को सम्मान निधि आसानी से उपलब्ध हो जाए इसके लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी की तैनाती की जाएगी। साथ ही जिला स्तर पर समारोह का आयोजन कर मीसा बंदियों को सम्मान निधि तथा प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।
इन्डो-एशियन न्यूज सर्विस।
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