क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ताज से वंचित ज्ञानेंद्र के पोते-पोतियां हुए स्कूल से दूर

By Staff
Google Oneindia News

काठमांडू, 25 जून(आईएएनएस)। नेपाल में सदियों तक बेलगाम शाही शासन का एकमात्र केंद्र रहे नारायणहिती महल से शाही परिवार की विदाई से पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र के पोते-पोतियों की स्कूली पढ़ाई पर भी ग्रहण लग गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार इन बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है, क्योंकि अब सुरक्षा माहौल उनके अनुकूल नहीं रह गया है।

काठमांडू, 25 जून(आईएएनएस)। नेपाल में सदियों तक बेलगाम शाही शासन का एकमात्र केंद्र रहे नारायणहिती महल से शाही परिवार की विदाई से पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र के पोते-पोतियों की स्कूली पढ़ाई पर भी ग्रहण लग गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार इन बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है, क्योंकि अब सुरक्षा माहौल उनके अनुकूल नहीं रह गया है।

कभी बंदूक के साए में स्कूल जाने वाले इन बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूर्व शाही परिवार का भरोसा डगमगा गया है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जब से नेपाल में गणतांत्रिक व्यवस्था लागू हुई है, इन बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है।

समाचार पत्र 'घटना रा विचार' में आई खबर के अनुसार पूर्व युवराज पारस और उनकी पत्नी हिमानी की सबसे बड़ी पुत्री आठ वर्षीय पुर्णिका, छह वर्षीय पुत्र ह्रदयेंद्र और पांच वर्ष की कृतिका का उनके परिवार वालों ने स्कूल जाना बंद करवा दिया है। ये तीनों बच्चे रईसजादों के नामी शिक्षा केंद्र 'रूपीज इंटरनेशनल' के छात्र हैं।

राजतंत्र बनाम गणतंत्र की रक्तहीन लड़ाई में ज्ञानेंद्र ने ताज क्या गंवाया, उनके पोते-पोतियों की पढ़ाई पर ही ग्रहण लग। इन बच्चों की परीक्षा नजदीक है, लेकिन यह तय नहीं है कि बच्चे परीक्षा में बैठेंगे या नहीं। वैसे तो, पूरा शाही परिवार ही कठिन परीक्षा के दौर से गुजर रहा है। शाही परिवार की गतिविधियों पर खास नजर रखने वाले इस अखबार के मुताबिक बदले हुए सुरक्षा माहौल में यह परिवार कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहता है।

यह परिवार न सिर्फ सुरक्षा को लेकर सतर्क है, बल्कि ताम-झाम से भी परहेज करने लगा है। ह्रदयेंद्र का जन्मदिन अगले महीने है, पर इस बार पहले वाली शाहीखर्ची नहीं दिखेगी। ऐसा संकेत है कि इस पूर्व नन्हें राजकुमार का जन्मदिन सादे ढंग से मनाया जाएगा। इस दैनिक के मुताबिक इन बच्चों की मां हिमानी उनकी सुरक्षा को लेकर सबसे अधिक सतर्क हैं। कहा जाता है कि उन्होंने अपने बच्चों को भारत में पढ़ाने की सलाह भी दी है, ताकि इनकी सुरक्षा पर आंच न आए।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

**

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X