जरूरी थी ब्याज दरों में वृद्धि : चिदंबरम
नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट और नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर बढ़ाए जाने के एक दिन बाद वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि 13 वर्ष के रिकार्ड स्तर पर जा पहुंची महंगाई की दर पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया जाना जरूरी था।
चिदंबरम ने अपने एक बयान में कहा, "कच्चे तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के कारण तेजी से बढ़ती मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए ऐसा किया जाना जरूरी था।" गौरतलब है कि सात जून को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति की दर 11.05 प्रतिशत के रिकार्ड स्तर तक जा पहुंची थी।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट और सीआरआर में वृद्धि किए जाने का हवाला देते हुए चिदंबरम ने कहा, "बाजार पर सकारात्मक प्रभाव के लिए यह कदम उठाया जाना अपेक्षित था।"
मंगलवार की शाम आरबीआई ने रेपो रेट में 50 आधार अंक की वृद्धि कर इसे मौजूदा 8 प्रतिशत से 8.50 प्रतिशत कर दिया था। इसके अलावा बैंक ने सीआरआर को भी मौजूदा 8.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.75 प्रतिशत करने की घोषणा की थी।
यह घोषणा हालांकि दो चरणों में लागू की जाएगी। पहले चरण के तहत इस वर्ष 5 जुलाई को सीआरआर में चौथाई प्रतिशत यानि 25 अंक की वृद्धि की जाएगी, जबकि दूसरे चरण के तहत 19 जुलाई को पुन: 25 आधार अंक की वृद्धि कर इसे 8.75 के स्तर तक लाया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा, "आरबीआई की इस नीति से घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ना चाहिए। यह नीति आर्थिक विकास के लिए भी बेहतर साबित होगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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