सांसद सूरजभान को आजीवन कारावास की सजा (लीड-1)
पटना, 25 जून (आईएएनएस)। बिहार के चर्चित रामी सिंह हत्याकांड में बुधवार को बेगूसराय की एक त्वरित अदालत ने बलिया के सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय महासचिव सूरज सिंह उर्फ सूरजभान समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
त्वरित न्यायालय (चतुर्थ) के न्यायाधीश रवि प्रकाश धर दुबे ने तीनों सूरजभान, जयजयराम सिंह तथा राधे सिंह पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं देने पर कारावास की सजा एक वर्ष बढ़ाए जाने का प्रावधान है। विशेष लोक अभियोजक सोमेश्वर दयाल ने बताया कि त्वरित न्यायालय में दोनों पक्षों की ओर से लगभग डेढ़ दर्जन गवाहों ने गवाही दी।
सोलह जनवरी, 1992 को तेघड़ा थाना क्षेत्र के मधुरापुरा पुरबारी टोला में सुबह लगभग छह बजे गोली मारकर रामी सिंह की हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड की प्राथमिकी कांड संख्या 6/92 दर्ज की गई। इसमें सांसद सूरजभान सिंह, पप्पू सिंह, राधे सिंह, जयजयराम सिंह, सूरो सिंह एवं शंकर सिंह को नामजद किया गया था।
तेघड़ा थाने की पुलिस ने इस कांड की जांच शुरू की और नामजद छह लोगों के खिलाफ न्यायालय में अंतिम प्रतिवेदन जमा किया। इस मामले में पप्पू सिंह की अलग सुनवाई चल रही है, जबकि अभियुक्त सुरो सिह एवं शंकर सिंह पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।
बताया जाता है कि इस मामले के निष्पादन में हो रहे विलंब को गंभीरता से लेते हुए पटना उच्च न्यायालय ने त्वरित न्यायालय को 28 जून, 2008 तक हर हाल में सुनवाई पूरी कर लेने का आदेश दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने पटना उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता सोमेश्वर दयाल को विशेष लोक अभियोजक बनाकर बेगूसराय भेजा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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