हलफनामा जमा करे वोडाफोन: सर्वो.न्या.
अगले चार दिनों तक चलने वाली इस सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय यह फैसला करेगा कि क्या हचिसन एस्सार कंपनी के अधिग्रहण के मामले में वोडाफोन को भारत सरकार को कर के रूप में एक अरब पाउंड चुकाना होगा। हचिसन एस्सार भारत में मोबाइल फोन सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी थी। पिछले वर्ष वोडाफोन ने हचिसन एस्सार का अधिग्रहण कर लिया था। वोडाफोन समूह का कहना है कि चूंकि यह सौदा दो विदेशी कंपनियों के बीच हुआ है, इसलिए उसे इसके लिए कर चुकाने की जरूरत नहीं है।
उधर भारतीय वित्त मंत्रालय वोडाफोन के इस तर्क से सहमत नहीं है। सरकार का कहना है कि चूंकि अधिग्रहण किए गए हचिसन एस्सार की परिसंपत्तियां भारत में हैं, इसलिए इस सौदे पर कर लगाने का अधिकार उसे है। इस सप्ताह अदालत वोडाफोन की उस याचिका पर फैसला सुनाएगी, जिसमें उसने कर प्राधिकरण द्वारा सौदे की जांच पर रोक लगाने की मांग की है।
इस मामले पर उन तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नजर है, जो भारत में निवेश करना चाहती हैं। इस मामले में आने वाले फैसले से इस देश में निवेश करने वाली कंपनियों के कर संबंधी उत्तरदायित्व तय हो जाएंगे। वोडाफोन के अलावा जनरल इलेक्ट्रिक और एटी एंड टी द्वारा किए गए सौदे भी भारत के राजस्व अधिकारियों के जांच के घेरे में आ सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।