कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में नजदीकियां बढ़ीं
नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। अमेरिका के साथ परमाणु करार पर आगे बढ़ने की स्थिति में वामपंथियों द्वारा समर्थन वापस ले लेने की धमकी से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) की नजदीकी बढ़ गई है। दोनों पार्टियां राजनीतिक समझौते की तैयारी में जुट गई हैं।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यदि वामपंथी पार्टियां कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार से समर्थन वापस ले लेतीं हैं तो ऐसी स्थिति में कांग्रेस और सपा का राजनीतिक गठजोड़ हो सकता है।
सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि यद्यपि लोकसभा में समाजवादी पार्टी के 39 सदस्य वामपंथी दलों के 62 सांसदों की भरपाई करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, लेकिन उनके समर्थन से सरकार को सत्ता में बने रहने का मौका मिल जाएगा और वह अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर सकेगी।
हालांकि कांग्रेस और सपा का राजनीतिक गठबंधन फिलहाल महज एक अटकल है, क्योंकि वास्तविक तस्वीर साफ होना अभी बाकी है। लेकिन इसके लिए दोनों पार्टियों के नेताओं ने उत्साह दिखाया है।
जहां कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि दोनों पार्टियों के गठबंधन से उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की स्थिति मजबूत होगी, वहीं सपा नेताओं का मानना है कि यदि यह गठबंधन हो जाता है तो इससे प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निपटने में पार्टी को मदद मिलेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।