'भविष्य के नाम पर वर्तमान नजरअंदाज न हो'
नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। उत्तराखंड में बाल पंचायत से जुड़े बच्चे अपने अधिकारों की मांग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठा रहे हैं। इन बच्चों का कहना है कि हमें मालूम है कि हम लोग कल के भविष्य हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बच्चों की वर्तमान जरूरतों को नजरअंदाज कर दिया जाए।
राज्य के इन बच्चों ने कामिक्स, फोटोग्राफी व फीचर लेखन जैसे मीडिया के विविध माध्यमों का उपयोग करते हुए सबों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है और प्राथमिक शिक्षा, जन्म पंजीकरण जैसे 117 से अधिक मुद्दे उठाए हैं।
आठवीं कक्षा के लक्ष्मण सिंह नेगी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "मेरे आस पास बच्चों के साथ जो होता है उन्हीं बातों को मैं कामिक्स के माध्यम से लोगों तक पहुंचाता हूं।" उन्होंने कहा दो वर्ष पूर्व जब मैं संयुक्त राष्ट्र(जिनेवा) गया था तो वहां भी अपनी बात कहने के लिए कामिक्स का उपयोग किया था।
फिलहाल बाल पंचायत से जुड़े बच्चे 'उमंग' नामक आठ पृष्ठों वाली मासिक पत्रिका निकाल रहे हैं। पत्रिका से जुड़े दीपक साह ने कहा, "हमारे साथी जो देखते हैं वही लिखकर भेजते हैं। पत्रिका में कल्पनिक बातें नहीं छपती हैं। हम लोगों की इच्छा है कि बच्चों के अधिकार को महत्व दिया जाए।"
इस आंदोलन में बच्चों की सहायता कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता गजेंद्र नोटियाल ने कहा, "हम लोग पत्रकार नहीं बना रहे बल्कि एक व्यापक दृष्टि वाले व्यक्तित्व का निर्माण कर रहे हैं, जहां वे तथ्यों के साथ अपनी बातों को रखते और समझते हुए दिखाई दें।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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