भारत विश्व की महाशक्ति बनकर उभरेगा : पाटिल
जयपुर, 21 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने आशा जताते हुए कहा है कि भारत दुनिया की एक महाशक्ति बनकर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि भारत बहुत तेजी से विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में अपना स्थान बना रहा है।
राष्ट्रपति पाटिल ने जोधपुर के जयनारायण व्यास स्मृति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि आज दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं और उन्हें पूरा विश्वास है कि देश एक महाशक्ति बनकर उभरेगा।
पाटिल ने खुशी जताते हुए कहा कि जोधपुर शहर ने न्यायविद्, समाजसेवी और इंग्लैंड में देश के उच्चायुक्त रहे स्वर्गीय डा. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी को गौरवपूर्ण सम्मान दिया है। उल्लेखनीय है कि इस शहर की एक सड़क का नाम स्वर्गीय सिंघवी के नाम पर किया गया है।
स्वर्गीय सिंघवी के सामाजिक कार्यो को याद करते हुए पाटिल ने कहा कि आजादी से पहले और उसके बाद ऐसे अनेक महान समाज सुधारक हमारे देश में हुए हैं। इन्होंने अंधविश्वास और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलनों का सफल नेतृत्व किया और लोगों को जागरूक बनाया। समाज में फैली कुप्रथाएं समाप्त करना उन महापुरुषों के समाज सुधार का प्रमुख उद्देश्य था।
उन्होंने लोगों से दहेज प्रथा, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या तथा नशाखोरी को समाप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करने की अपील की।
राष्ट्रपति ने कहा कि जोधपुर जिले में कहीं-कहीं समाज में एक प्रथा है कि यदि पिता का स्वर्गवास हो जाए, तो उसकी 12वीं पर सबको अफीम बांटी जाती है। अफीम सेहत के लिए ठीक नहीं होती और बहुत महंगी होती है। कभी-कभी बेटे को अपनी जमीन बेचकर यह रस्म पूरी करनी पड़ती है। उसकी जीविका का सहारा समाप्त हो जाता है और उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो जाती है। उन्होंने लोगों से इस प्रथा को समाप्त करने की अपील की।
उन्होंने लोगों से बालक व बालिकाओं के भेद को समाप्त करने की अपील की। उन्होंने देश की महिलाओं की स्थिति पर एक कविता भी कहा-
घर में पर्दा और दीवारें
जहां तहां
झाडू, चक्की, बर्तन और धुआं
मेहंदी, कंगन, महावर और बिछुवा
तड़पन-धड़कन और धुआं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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