गुर्जरों के लिए पांच फीसदी विशेष आरक्षण
अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय तकरीबन एक महीने से आंदोलनरत था। राज्य सरकार ने गुर्जर, बंजारा गडिया व राइका समुदाय के लिए विशेष पिछड़ा वर्ग का प्रावधान किया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को पत्रकार वार्ता के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आंदोलन अंतत: समाप्त हो गया है। उनके अनुसार इस तरह की समस्याओं को आपसी बातचीत के जरिए निपटाने पर जोर दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य अब प्रगति के रास्ते पर गतिमान होगा।
विशेष आरक्षण की व्यवस्था करते हुए भी सरकार ने पहले से जारी अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्गो के लिए आरक्षण से संबंधित प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया है। राजस्थान में फिलहाल अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्गो के लिए 49 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। सरकार ने 5 फीसदी विशेष आरक्षण का प्रावधान इन प्रावधानों से इतर किया है।
बंजारा, गडिया लोहार रहबरी से संबंधित जातियां हैं जिनके लिए फिलहाल आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। राजे ने कहा कि गुर्जरों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के प्रस्ताव के संबंध में भी एक पत्र केंद्र सरकार को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता के दौरान ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ व बनिया जाति के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए भी 14 फीसदी के आरक्षण की घोषणा की लेकिन इस बारे में मुख्यमंत्री ने विशेष जानकारी देने से इंकार कर दिया।
राजे ने कहा कि चौदह फीसदी आरक्षण से संबंधित प्रावधानों को लेकर कल राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की जाएगी। गुर्जर आंदोलन के नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री की घोषणा को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इस घोषणा का श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है। उनके पास उनका शुक्रिया अदा करने के लिए शब्द नहीं है।
बैंसला के अनुसार वे आंदोलन के दौरान जनता को हुई समस्याओं के लिए क्षमा मांगते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि राज्य के विकास में वे उनका पूरा समर्थन करेंगे। बैंसला ने कहा कि पीलूपुरा पहुंचते ही वे आंदोलन वापस लेने की औपचारिक घोषणा करेंगे। फिलहाल बैंसला पीलूपुरा के लिए रवाना हो गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस