मधु में ही जिंदगी की मिठास खोज ली शशि ने
पटना, 19 जून (आईएएनएस)। बिहार के गया जिले के शशि कुमार एक उदाहरण बन गए हैं। उन्होंने 13 वर्ष पहले दो हजार रुपये की पूंजी से अपना व्यवसाय प्रारंभ किया था। आज यह व्यवसाय एक करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि तक पहुंच गया है।
शशि कुमार 'शिवा एग्रो नेचुरल प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड' के प्रबंध निदेशक बन गए हैं। इस युवा उद्यमी ने अपनी जिंदगी संवारने के साथ-साथ अपने परिजनों व दूसरे कई लोगों की जिंदगी में भी मिठास घोल दिया है।
यह कंपनी शहद तैयार करती है और आज देश की कई नामचीन कंपनियां इस शहद को खरीद रही हैं। रसायन शास्त्र में स्नातक शशि प्रारंभ से ही अन्य लोगों से कुछ अलग करना चाहते थे। वर्ष 1995 में उन्होंने टेलीविजन पर मधुमक्खी पालन के गुर देखे और तत्काल इस व्यवसाय को अपनाने पर विचार करने लगे।
प्रारंभ में उन्होंने दो हजार रुपये से दस बक्से खरीदे और मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया। आज उनकी कंपनी बिहार से लेकर अन्य राज्यों से भी सरसों, लीची, सूर्यमुखी, करंज सहित कई फूलों के रस बटोरने में जुटी है।
शशि ने कहा, "आज इस कंपनी के पास प्रोसेसिंग व पैिंकंग की दो यूनिट हैं। इसके साथ-साथ मधु की गुणवत्ता की जांच के लिए एक लैब है। हम लोग प्रतिवर्ष बीस से बाइस टन शहद का उत्पादन करने हैं और कंपनी का डाबर, बैद्यनाथ, मेहसंस जैसी कंपनियों से समझौता है।"
आत्मविश्वास से भरे शशि का कहना है कि आज उन्हें दुख केवल इस बात की है कि सबसे बड़े शहद उत्पादक राज्य होने के बावजूद सरकार शहद उत्पादकों को कोई प्रोत्साहन नहीं देती। उन्होंने बताया कि आज पूरे बिहार में करीब 24 हजार म्रिटीक टन शहद का उत्पादन किया जा रहा है तथा 20 हजार लोग मधुमक्खी पालन उद्योग से जुड़े हैं।
इस व्यवसाय में शशि कुमार की पत्नी अनिता रानी अपने पति का बराबरी से हाथ बंटाती हैं। वह कंपनी की निदेशक हैं और पैकिंग यूनिट का काम पूरी दक्षता से संभालती हैं। वे बताती हैं कि कंपनी केवल शहद का ही उत्पादन नहीं करती है वरन इस व्यवसाय के लिए बेरोजगारों को ट्रेनिंग भी दे रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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