सहारा मामले में उच्चतम न्यायालय पहुंची यूपी सरकार (लीड-1)
लखनऊ, 19 जून (आईएएनएस)। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीएल) द्वारा सहारा शहर में की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगाने और गिराए गए निर्माणों को पुन: बनाए जाने (रिस्टोर) के उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति बी़ पी़ सिंह और न्यायमूर्ति बी़ क़े नारायण ने आज राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार के निजी, संस्थागत अथवा किसी भी अन्य प्रकार के निर्माण को शाम पांच बजे के बाद और सुबह नौ बजे से पहले नहीं गिराया जा सकता। दोनों न्यायाधीशों ने इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के कई फैसलों का भी हवाला दिया।
सहारा समूह की ओर से बहस करते हुए वकील वीरेंद्र भाटिया ने एलडीए की कार्रवाई को अवैध करार दिया, जबकि सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता ज्योतीन्द्र मिश्रा ने इस कार्रवाई को विधि सम्मत ठहराने का प्रयास किया। न्यायालय ने तीन सप्ताह में प्रति उत्तर शपथ पत्र तथा छह सप्ताह में प्रति शपथ पत्र (काउंटर) दाखिल करने का निर्देश दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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