आरुषि हत्याकांड : सबूत नष्ट किए जाने के कारण जांच में देरी : सीबीआई
नई दिल्ली, 16 जून: सनसनीखेज आरुषि-हेमराज हत्याकांड की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा है कि इस मामले की जांच में देरी देश की जांच एजेंसियों को घटनास्थल से सबूतों को इकट्ठा करने में मिली विफलता के कारण हो रही है।
सीबीआई के विशेष निदेशक एम. एल. शर्मा ने कहा कि आरुषि मामले में एजेंसी को घटनास्थल से केवल 10 प्रतिशत सबूत बरामद हुए, बाकी के 90 प्रतिशत सबूतों को मिटा दिया गया था। यह सब पुलिस की अकुशलता के कारण हुआ।
शर्मा यहां अमेरिकी संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) द्वारा आयोजित एक चार दिवसीय सेमीनार 'क्राइम सीन मैनेजमेंट सेफ्टी, इविडेंस रिवकरी, प्रीजरवेशन एंड एक्सप्लॉइटेशन' को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "हमारे पास कुशल लोग हैं लेकिन सुविधाओं की कमी है।" उदाहरण के तौर अमेरिका में करीब 30 करोड़ लोगों के लिए तीन सौ फॉरेंसिक लेबोरेट्री है जबकि हमारे यहां एक अरब से ज्यादा की आबादी के लिए केवल 30 लेबोरेट्री है।
यहां पर एफबीआई की 30 सदस्यीय टीम देश भर के 35 पुलिस अधिकारियों को आतंकवाद संबंधी मामले से निपटने के लिए गुर सिखा रही है।
शर्मा ने कहा कि आज आतंकवादी अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में इंटरनेट और रिमोट कंट्रोल का प्रयोग कर रहे हैं वहीं भारतीय पुलिस ऐसे मामलों की जांच में बीमार हो चुके उपकरणों का प्रयोग कर रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।