त्रिपुरा स्वैच्छिक रक्तदान में तीसरे नंबर पर
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) के आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक त्रिपुरा के ही लोग रक्त दान कर रहे हैं। राजनीतिक दलों के नेताओं से लेकर आम लोग तक इस नेक अभियान से जुड़ रहे हैं।
राज्य के पूर्व अलगाववादी नेता अनंत देववर्मा ने पिछले महीने एक वीबीडी कैंप का आयोजन किया था। उन्होंने कहा, "रक्त दान एक महत्वपूर्ण कार्य है। आज के दौर में हम जब दूसरों को कुछ नहीं दे पा रहे हैं, तो ऐसे समय में हमें यह काम जरूर करना चाहिए।"
मुख्यमंत्री माणिक सरकार भी रक्त दान के मामले में पीछे नहीं हैं। वर्ष 1998 में मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उन्होंने अभी तक चार बार स्वैच्छिक रक्त दान किया है। सरकार ने कहा, "मैंने पार्टी कार्यकर्ताओं, क्लब सदस्यों, छात्रों, युवाओं और समाज के विभिन्न तबकों के लोगों से रक्त दान करने की अपील की है।
मैं चाहता हूं कि वे अन्य लोगों को भी इस नेक काम के लिए प्रोत्साहित करें।" एक गैर सरकारी संगठन 'सोसाइटी ऑफ वालियंटरी ब्लड डोनेशन' (एसवीबीडी) रक्त दान के क्षेत्र में बड़े स्तर पर अभियान चलाए हुए है।
संगठन के सचिव निबीर सेन ने कहा, "आज से आठ वर्ष पूर्व केवल 22 फीसदी रक्त वीबीडी के तहत इकट्ठा हो पाता थे, लेकिन आज यह प्रतिशत बढ़कर 83.2 हो गया है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।