ज्ञानेन्द्र की विदाई से प्रारंभ नया युग
नेपाल के अधितकर राजनीतिक दलों का मानना है कि यहां राजशाही अब कभी नहीं लौट सकती।
संविधान सभा के सदस्य और प्रमुख माओवादी नेता दीनानाथ शर्मा ने कहा, "ज्ञानेन्द्र द्वारा शांतिपूर्वक महल छोड़ना और संविधान सभा के निर्णय को स्वीकार करना एक सकारात्मक रुख की ओर इशारा करता है।"
शर्मा ने कहा कि राजशाही के खत्म होने का मतलब यह नहीं है कि देश की सभी बुरी शक्तियों का खत्मा हो गया है। उन्होंने कहा, "हमें अभी भी काफी लंबी लड़ाई लड़नी है। एक लोकतांत्रिक गणतंत्र के लिए हमें और संघर्ष करना होगा।"
गौरतलब है राजमहल से विदाई से पूर्व ज्ञानेन्द्र ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे देश में रहकर जनता की भलाई के लिए काम करेंगे।
ज्ञानेन्द्र के इस वक्तव्य पर शर्मा ने कहा, "यह एक आम प्रतिक्रिया है। जब कोई इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बाद उससे अलग होता है तो ऐसी ही बातें करता है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।