आरुषि हत्याकांड : सीबीआई पर ही उठे सवाल
नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। नोएडा के आरुषि-हेमराज हत्याकांड में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपना ध्यान अब आरुषि के पिता राजेश तलवार के कंपाउंडर कृष्णा की भूमिका पर केंद्रित कर दिया है और गुरुवार को बंगलौर में उसका नार्को टेस्ट कराया जाएगा। उधर, कृष्णा के परिवार वालों ने उसे हिरासत में रखे जाने की वैधता पर सवाल उठाया है।
इस बीच सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए संयुक्त निदेशक अरुण कुमार बंगलौर रवाना हो गए हैं।
कृष्णा के परिवारवालों ने आरोप लगाया है कि उसे तीन जून को सीबीआई उठा ले गई और उसके हिरासत के बारे में उसके किसी भी संबंधी को सूचित नहीं किया गया।
कृष्णा की बहन सुनीता ने समाचार चैनल 'एनडीटीवी' से कहा कि 15 मई की रात कृष्णा हमारे साथ था। उसी रात आरुषि की हत्या हुई थी। वह उस रात घर से बाहर नहीं निकला था।
कृष्णा के वकील एफ.सीझ् शर्मा ने कहा कि कृष्णा को हिरासत में रखना गैरकानूनी है। वह तीन जून से सीबीआई की हिरासत में है। हम सीबीआई के इस कदम के खिलाफ अदालत जाएंगे।
इससे पहले मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे सीबीआई के संयुक्त निदेशक अरुण कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि कृष्णा के नोएडा पुलिस और सीबीआई को दिए बयान में विरोधाभास होने की वजह से उसका नई दिल्ली के सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) में सोमवार और मंगलवार को लाई डिटेक्टर टेस्ट हो चुका है तथा अन्य वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए अब उसे बंगलौर ले जाया गया है।
कुमार ने कहा कि वैज्ञानिक परीक्षणों के परिणाम आना अभी बाकी है।
इससे पहले सीबीआई सूत्रों ने बताया था कि कृष्णा के पास तलवार और अनीता दुर्रानी के अवैध संबंधों के बारे में काफी अहम जानकारियां हैं।
गौरतलब है कि 14 वर्षीया आरुषि गत 16 मई को अपने घर में मृत पाई गई थी। शुरुआत में पुलिस का शक परिवार के घरेलू नौकर हेमराज पर गया था, लेकिन अगले ही दिन हेमराज के शव की बरामदगी की वजह से मामला और उलझ गया था।
इस दोहरे हत्याकांड के सिलसिले में पुलिस ने 23 मई को तलवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उस समय कहा था कि तलवार ने पहले हेमराज और फिर आरुषि की हत्या की। बाद में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।