अधूरी ही रही भाजपा की विकास यात्रा
बताया जा रहा है कि यह पूरा रददोबदल इस सूचना के आधार पर किया गया कि मंत्री महोदय के वापसी मार्ग पर नक्सलीयों का एंबुश था। हालांकि किरकीरी से बचने के लिए भाजपा ने इस पुरे मसले पर चुप्पी साध ली है।
प्रदेश में सत्तानशी भाजपा ने कुछ महिनों बाद होने वाले चुनावों के मददेनजर विकास यात्रा शुरू की है जिसमें प्रदेश में कराए गए विभिन्न विकास कार्यों का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इस यात्रा की अगुवाई खुद मुख्यमंत्री कर रहे है।
दुबारा सत्ता हासिल करने की गंभीर कोशिश मानी जा रही इस विकास यात्रा में भाजपा ने पुरी ताकत झोंक रखी है। इसी विकास यात्रा के एक चरण में प्रदेश के तेजतर्रार मंत्री बृजमोहन ने सरगुजा में ही एक कार्यक्रम के दौरान मंच से घोषणा की थी कि उत्तरी छत्तीसगढ में अब नक्सली नहीं है। मंत्री महोदय ने यह दावा करते हुए पुलिस की तारीफ में कसीदे भी पढे थे।
दिलचस्प है कि विकास यात्रा की अगुवाई कर रहे मुख्यमंत्री डॉ रमण सिंह भी सरगुजा को नक्सल मुक्त होने की बातें करते रहे है। ऐसे में जबकि पुरी सरकार सरगुजा समेत उत्तरी छत्तीसगढ को नक्सल उन्मुलन में सफल और रोल मॉडल मानती है उन हालात में राज्यमंत्री देवलाल दुग्गा के साथ हुए इस नाटकीय लेकिन बेहद गंभीर घटनाक्रम ने सभी दावों की कलई खोल दी है।
बेहद शर्मनाक यह मामला जिसमें प्रदेश के राज्यमंत्री को कार्यकर्ताओं समेत दो राज्यों की शरण लेते हुए कडी सुरक्षा के बीच गृहप्रदेश पहुंचना पड रहा हो ने साफ साफ जाहिर किया है कि नक्सल उन्मुलन और नक्सलीयों के सफाए के दावे का सच क्या है ?