कोइराला कुर्सी छोड़ें: माओवादी
प्रधानमंत्री पद के दावेदार माओवादियों के सर्वोच्च नेता प्रचंड ने रविवार को एक चेतावनी देकर कोइराला को कहा है कि मंगलवार तक सत्ता उनके हाथ में सौंप दें या फिर बुधवार से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन का सामना करने के लिए तैयार रहें।
उधर कोइराला के सहयोगी शांति और पुनर्निमाण मंत्री रामचंद्र पोडेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री तब तक इस्तीफा नहीं देंगे जब माओवादी अपने कार्यकर्ताओं के हथियार बंद दस्तों को समाप्त नहीं कर देते।
दरअसल सारा विवाद राष्ट्रपति पद के लिए है। राजशाही के अंत के बाद राज्य के संवैधानिक प्रमुख के पद पर कोइराला की नियुक्ति को माओवादियों ने ठुकरा दिया है। माओवादी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों पदों पर अधिकार चाहते हैं।
माओवादियों की सरकार बनाने की कोशिश में नेपाली कांग्रेस (एनसी) और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत माओवादी-लेनिनवादी (नेकपा-एमाले) अडं़गा डाल रही है।
यूएमएल और एनसी चाहती हैं कि प्रधानमंत्री को दो-तिहाई बहुमत से हटाने के संवैधानिक प्रावधान को हटाकर उसे साधारण बहुमत से हटाने का प्रावधान कर दिया जाए। इससे माओवादियों द्वारा तानाशाही का रवैया अपनाने पर सरकार को आसानी से गिराया जा सके।
लेकिन पूर्व गुरिल्ला इसका विरोध कर रहे हैं। स्थानीय विकास के माओवादी मंत्री देव गुरुं ग ने कहा, "जब कोइराला राज्य और सरकार दोनों के प्रमुख पद थे और केवल दो-तिहाई बहुमत से हट सकते थे तो हम तैयार थे। अब जब हमने चुनाव जीत लिया है तो हमको भी वही विशेषाधिकार मिलना चाहिए। "
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।