डिंबग्रंथि से पैदा हुई 'दुर्गा' के नाम बना एक रिकार्ड
सिडनी, 30 मई (आईएएनएस)। तमाम खतरों को झेलते हुए दुर्गा आखिरकार दुनिया में किलकारियां भरने में कामयाब हो ही गई। नवजात दुर्गा संभवत: पहला शिशु है जो गर्भाशय के बजाए डिंबग्रथि से पूरे 38 सप्ताह बाद पैदा हुई है।
सिडनी, 30 मई (आईएएनएस)। तमाम खतरों को झेलते हुए दुर्गा आखिरकार दुनिया में किलकारियां भरने में कामयाब हो ही गई। नवजात दुर्गा संभवत: पहला शिशु है जो गर्भाशय के बजाए डिंबग्रथि से पूरे 38 सप्ताह बाद पैदा हुई है।
इससे पहले डिंबग्रंथि से परिपक्व अवधि के बाद किसी शिशु का जन्म होने का रिकार्ड नहीं है। आस्ट्रेलिया के नॉदर्न टेरिटरी स्थिति डार्विन प्राइवेट हॉस्पिटल में जब इस बच्ची का नौवें महीने में जन्म हुआ तो डाक्टरों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा है। दुनिया में डिंबगं्रथि में बच्चा विकसित होने का मामला विरल है। औसतन 40,000 गर्भवर्ती महिलाओं में से एक महिला को ऐसे दौर से गुजरने पड़ता है, पर ऐसी महिला का गर्भपात अमूमन 10 वें सप्ताह से पहले ही हो जाता है। 2़ 8 किलोग्राम की स्वस्थ दुर्गा का जब गुरुवार की सुबह जन्म हुआ तो इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया।
इस मासूम के श्रीलंकाई माता-पिता रवि और मीरा थंगराजा के लिए तो यह किसी ईश्वरीय वरदान जैसा है। बेटी को चमत्कारी शिशु करार दिए जाने से दोनों बेहद खुश हैं। आईटी पेशेवर रवि ने खुशी का इजहार करते हुए कहा, "डाक्टरों और बाल चिकित्सकों की नजर में मेरी बेटी का जन्म किसी चमत्कार से कम नहीं।"
अस्पताल में सिजेरियन आपरेशन से गुजरने से पहले मीरा को इसका आभास नहीं था कि शिशु उनके गर्भाशय में नहीं, बल्कि डिंबग्रथि में है। यहां तक कि डाक्टरों को भी इसकी पहले से जानकारी नहीं थी। जब डाक्टरों ने आपरेशन करना शुरू किया तो उन्हें जानकर हैरानी हुई कि बच्ची डिंबग्रथि में है। इससे पहले मेडिकल टेस्ट से भी इसकी पुष्टि नहीं हुई थी। इस आपरेशन से जुड़े एक डाक्टर एंड्रयू मिलर ने कहा कि इससे पहले ऐसा कोई उदाहरण सुनने को नहीं मिला है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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