14 फीसदी भारतीय छात्र रोज करते हैं तंबाकू का सेवन
नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। तंबाकू दिवस के ठीक पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़े चौकाने वाले हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि तंबाकू के विज्ञापनों पर शीध्र प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। तंबाकू दिवस के ठीक पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़े चौकाने वाले हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि तंबाकू के विज्ञापनों पर शीध्र प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार 14 फीसदी भारतीय छात्र रोजाना तंबाकू का नशा करते हैं। ये सभी छात्र अपनी किशोरावस्था में ही विज्ञापनों के चकाचौंध में शौकीया रूप में धूम्रपान शुरू कर देते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने अपनी वेबसाइट में बताया, "विश्व में ज्यादातर लोग 18 वर्ष से पहले ही धूम्रपान करना शुरू कर देते हैं। किशोर सबसे पहले नशे की शुरुआत धूम्रपान से करते हैं और बाद में वह इसके आदी हो जाते हैं।"
संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को विश्व तंबाकू विरोध दिवस के ठीक पहले ये आंकड़े जारी किए हैं। डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से कहा है कि वह धूम्रपान को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों को प्रतिबंधित करे, नहीं तो युवाओं को भविष्य में विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
'पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया' (पीएचएफआई) के प्रमुख के. श्रीनाथ रेड्डी ने कहा, "कुल 14.7 फीसदी भारतीय छात्र तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं जिसमें सिगरेट के साथ-साथ गुटखा और बीड़ी भी शामिल है।"
उन्होंने बताया कि भारत में 15 से 49 आयुवर्ग के 57 फीसदी पुरुष और 11 फीसदी महिलाएं तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं।
गौरतलब है कि तंबाकू के सेवन से कैंसर, धमनियों से संबंधित बीमारी और विभिन्न बीमारियां के होने का खतरा बढ़ जाता हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।