जीवन की चाह में मौत को गले लगा रहे हैं सोमालियाई शरणार्थी
नैरोबी, 30 मई (आईएएनएस)। उत्तर पूर्वी सोमालिया के बोसासो समुद्र तट को पार कर यमन जाने का इंतजार कर रहे अनेक सोमालियाई शरणार्थी जीने की लालसा में मौत का शिकार हो रहे हैं।
ये शरणार्थी उन नौकाओं का इंतजार कर रहे हैं जो इन्हें सोमालिया में हो रहे गृहयुद्ध और हताश जीवन से दूर यमन ले जाएंगी। नए सिरे से अपने जीवन की शुरुआत करने के लिए निकले ये नागरिक अक्सर रास्ते में ही मौत के शिकार हो जाते हैं।
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के अनुसार वर्ष 2007 में 29 हजार 500 अपनी यात्रा पूरी करने में सफल रहे लेकिन 1,400 की रास्ते में ही मौत हो गई।
यूएनएचसीआर के सोमालिया कार्यालय के एक अधिकारी कैथरीन वेबेल ने कहा, "कई बार लोगों को लाने वाले तस्कर भार अधिक हो जाने पर लोगों को नौकाओं से नीचे फेंक देते हैं। इसके अलावा यमन में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के कारण वे लोगों को रात में किनारे से काफी दूर उतार देते हैं। अंधेरे में लोग जान ही नहीं पाते कि किनारा किधर है और वे डूब जाते हैं।"
एजेंसियों के मुताबिक इस साल के शुरुआती चार महीनों में 15 हजार लोगों ने यमन जाने की कोशिश की जिनमें से 500 लापता हो गए।
गौरतलब है कि सोमालिया सन 1991 से ही अशांति का शिकार रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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