फिर से मीठी हो सकती है चीनी
कमोडिटी विशेषज्ञ एन.भूषण ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि कारोबारियों सहित मिल मालिकों को फिलहाल जून के लिए जारी होने वाले चीनी के मासिक कोटे का भी इंतजार है। पिछले सप्ताह चीनी की कीमतों में तेजी के लिए मांग में वृद्धि के साथ-साथ कम मासिक कोटा भी जिम्मेदार था। सरकार ने अप्रैल के 17 लाख टन के मुकाबले मई के लिए 13.5 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया था।
उधर कारोबारियों के अनुसार कम मासिक कोटे की वजह से फिलहाल बाजार में चीनी की आपूर्ति प्रभावित हुई है क्योंकि अधिकतर मिलों द्वारा अपने मासिक कोटे की चीनी बाजार में जारी की जा चुकी है।
सरकार द्वारा मई की शुरुआत से मिल मालिकों को 20 लाख टन चीनी के बफर स्टाक को 'जल्दी आओ जल्दी पाओ' की तर्ज पर बाजार में लाने के आदेश से फिर से बाजार में मांग की तुलना में आपूर्ति में तेजी आने की संभावना लग रही है और अगर ऐसा होता है तो चीनी की कीमतों में फिर से नरमी दर्ज की जा सकती है।
उधर, भारतीय निर्यातकों द्वारा मौजूदा विपणन वर्ष के दौरान अभी तक कुल 28 लाख टन चीनी निर्यात की जा चुकी है। स्थानीय बाजार में फिलहाल हाजिर चीनी की कीमत 1,560-1,630 रुपये प्रति 100 किलो है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।