राष्ट्रपति ने किया दूसरी हरित क्रांति का आह्वान
पाटिल ने कहा, "वैश्विक खाद्य संकट के मद्देनजर दूसरी हरित क्रांति आज की जरूरत है।" उन्होंने वर्ष 1960 में हुई हरित क्रांति को दोहराने की वकालत की। उन्होंने कहा, "वैज्ञानिक, शोधकर्ता और किसानों को आपसी सामंजस्य स्थापित कर कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।" इससे पूर्व जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एस. के. सिंहा और मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने देश में खासकर जम्मू कश्मीर में कृषि योग्य भूमि में हो रही कमी पर चिंता जाहिर की।
आजाद ने कहा, "कृषि योग्य भूमि में हो रही कमी हम सभी के लिए चिंता का विषय है।" उन्होंने व्यावसायिक व आवासीय भवनों के निर्माण से कृषि योग्य भूमि में आई कमी और बढ़ती जनसंख्या के कारण पैदा हुए खाद्यान संकट से उबरने के लिए वैज्ञानिकों से नए बीज और प्रौद्योगिकी के विकास में सहायता की अपील की।
राज्यपाल एस. के. सिंहा ने कहा, "वैश्विक खाद्य संकट से उबारने के लिए नए खोज की आवश्यकता है।" दीक्षांत समारोह में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया को 'डी लिट' की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया।
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