मुशर्रफ की ताकत कम करेगी पीपीपी
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की आज केंद्रीय कार्यकारिणी कमेटी की बैठक के बाद पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने कहा कि संवैधानिक संशोधन का 62 बिंदुओं का मसौदा तैयार है। उस पर शीघ्र ही सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगियों के साथ विचार किया जाएगा।
जरदारी ने कहा कि उनकी सरकार सभी समस्याओं का हल बातचीत के जरिए निकालना चाहती है। जरदारी के अनुसार बर्खास्त मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी सहित सभी न्यायाधीशों को बहाल किया जाएगा। साथ ही देश की आर्थिक समस्याओं का भी हल खोजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि पीपीपी काफी कुछ त्याग कर के सत्ता में आई है। इसलिए संविधान बहाली के लिए कोई छोटा रास्ता नहीं अपनाया जा सकता। उन्होंने दावा किया कि पीपीपी ने आते ही पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर लगी पाबंदियां हटा दी थीं जिसके लिए वकीलों के समूह लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे।
जरदारी ने कहा कि देश को उन पर भरोसा करना ही होगा क्योंकि वह लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहते हैं।
मुशर्रफ पर महाभियोग चलाने के मामले में उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि उन पर महाभियोग के स्थान पर वह अपना पद ही छोड़ दें।"
जरदारी के अनुसार देश के पिछड़े हिस्सों, उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत और बलूचिस्तान के विकास लिए भी अनेक नई नीतियां अमल में लाई जाएंगी।
सूत्रों के अनुसार संवैधानिक सुधारों में संसद की सर्वोच्चता सुनिश्चित करने के साथ ही राष्ट्रपति के अधिकारों में कमी की जाएगी। इसमें न्यायपालिका को और शक्तिशाली बनाने के प्रावधान होंगे ताकि भविष्य में किसी भी असामान्य घटनाक्रम की संभावना को समाप्त किया जा सके।
पीपीपी के प्रमुख नेताओं ने आज प्रधानमंत्री निवास पर संवैधानिक सुधार के प्रस्ताव पर तीन घंटे तक चर्चा की है। बैठक में जरदारी और प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी के अलावा बैठक में सूचना मंत्री शेरी रहमान और कानून मंत्री फारुक एच. नाइक भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बर्खास्त न्यायाधीशों की बहाली के मुद्दे पर गठबंधन के टूटने का खतरा पैदा हो गया था। जरदारी पहले इसे संवैधानिक सुधारों का भाग बनाने के लिए तैयार थे, लेकिन बाद में मुकर गए।
इसी वजह से गठबंधन सरकार के दूसरी बड़ी सहयोगी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने अपने मंत्रियों को सरकार से वापस बुला लिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।