कॉफी की कड़वाहट और बढ़ेगी
कारोबारियों के अनुसार स्थानीय बाजार में कॉफी की पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद मजबूत वैश्विक कीमतों से घरेलू स्तर पर काफी की कीमतों को समर्थन मिला है। कमोडिटी विशेषज्ञ एन. भूषण के अनुसार देश में कुल उत्पादित कॉफी का 80 फीसदी आयात किया जाता है, इसलिए वैश्विक कीमतों का स्थानीय कीमतों को प्रभावित करना लाजिमी है।
एन. भूषण ने बताया कि काफी उत्पादक क्षेत्रों में इसकी कटाई तकरीबन संपन्न हो चुकी है। अगस्त के बाद कीमतों में नरमी की आशंका को लेकर किसान फिलहाल तेजी से माल बाजार में ला रहे हैं।
डालर की तुलना में रुपये में आई मजबूती से भी निर्यात मांग को बढ़ावा मिला है। महीने की शुरुआत से डालर की तुलना में रुपये में 5 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। अंतर बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में गुरुवार को एक डालर 43 रुपये के ऊपर दर्ज किया गया।
उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार एक जनवरी से 13 मई के बीच देश से कुल 99,610 टन कॉफी का निर्यात हो चुका है। पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 95,085 टन कॉफी का निर्यात हुआ था। वर्ष 2007 के दौरान देश से कुल 223,565 टन कॉफी का निर्यात हुआ था।
वर्ष 2006 की तुलना में यह 11 फीसदी कम है। मौजूदा वर्ष के दौरान देश में कॉफी का उत्पादन 7 फीसदी बढ़कर दो लाख 80 हजार टन तक पहुंच सकता है। घरेलू बाजार में फिलहाल राबस्टा काफी की कीमत 2,335 डालर प्रति टन से 2,360 डालर प्रति टन है। पिछले सप्ताह के दौरान समान गुणवत्ता के काफी की कीमत 2,300 डालर प्रति टन से 2,360 डालर प्रति टन थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस