अधिकतर बी-स्कूल शिक्षक जागरुक नहीं
एसोसिएटेड चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री आफ इंडिया (एसोचैम) के बिजनेस बैरोमीटर (एबीबी) ने एक सर्वेक्षण में शीर्ष 30 को छोड़कर पूरे देश में स्थित विभिन्न एमबीए (मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) संस्थानों के 258 शिक्षकों को शामिल किया गया। इनमें से 89 प्रतिशत शिक्षकों को वित्त वर्ष 2006-07 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर की जानकारी नहीं थी।
पांच प्रतिशत से भी कम अध्यापकों को समान अवधि के दौरान देश में निवेश और बचत से संबंधित आंकड़ों की जानकारी थी। सर्वेक्षण के मुताबिक वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान देश के आयात और निर्यात से संबंधित आंकड़ों की जानकारी रखने वाले अध्यापकों की संख्या लगभग शून्य है।
सर्वेक्षण से प्राप्त नतीजों में कहा गया है कि 92 प्रतिशत शिक्षकों को नहीं मालूम है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 300 अरब डालर के आंकड़े को पार कर चुका है। ज्यादातर शिक्षक केवल विदेशी मुद्रा भंडार के 100 अरब डालर का आंकड़ा पार करने की बात ही बता पाए।
हैरानी वाली बात यह है कि सर्वेक्षण में शामिल 10 प्रतिशत से भी कम शिक्षकों को ही मौजूदा अमेरिकी आर्थिक संकट की जानकारी है। इनमें से ज्यादातर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में संभावित मंदी के बारे में भी कोई राय नहीं रखते।
सर्वेक्षण में पाया गया है कि मुश्किल से छह प्रतिशत शिक्षक नियमित रूप से बिजनेस का कोई अखबार पढ़ते हैं। बिजनेस से संबंधित पत्रिका पढ़ने वाले शिक्षक लगभग नगन्य हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।