उप्र सिविल सेवा अधिकारी के निलंबन पर स्थगन आदेश खारिज
लखनऊ , 17 मई (आईएएनएस)। उच्चतम न्यायालय ने विवादित पुस्तक लिखने वाले प्रादेशिक सिविल सेवा के अधिकारी लक्ष्मीकांत शुक्ला के निलंबन पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा लगाए गए स्थगनादेश को खारिज कर दिया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.वी. रविंद्रन एवं न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू की खंडपीठ ने उक्त आदेश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करने के बाद पारित किया। प्रदेश सरकार द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा पूर्व में पारित प्रश्नगत स्थगनादेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी।
गौरतलब है कि वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी शुक्ला द्वारा लिखी गयी 'जाति राज' नाम की पुस्तक में देश के महापुरुषों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की गयी थीं। इस पुस्तक में विशेष रूप से डा़ अम्बेडकर के बारे में की गयी टिप्पणियों को राज्य सरकार ने गम्भीरता से लिया था और लोक सेवक आचरण नियमावली के उल्लंघन का दोषी मानते हुए शुक्ल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।