छत्तीसगढ़ सुरक्षा अधिनियम को सर्वोच्च न्यायालय में दी चुनौती
रायपुर, 17 मई (आईएएनएस)। एक मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (सीएसपीएसए), 2005 की वैधता को चुनौती दी है।
पीयूसीएल से शनिवार को जारी किए गए बयान के अनुसार यह याचिका 14 मई को दाखिल की गई थी। बयान के मुताबिक इस संगठन के उपाध्यक्ष बिनायक सेन इसी कठोर कानून के तहत पिछले एक साल से जेल में बंद हैं।
बयान में कहा गया है कि इस याचिका का मसौदा दिल्ली के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सच्चर, वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारीख और अधिवक्ता अनीता शेनॉय ने तैयार की है।
इस मानवाधिकार संगठन ने कहा है कि इस कठोर कानून के तहत 43 लोगों को बंदी बनाया जा चुका है।
गौरतलब है कि पीयूसीएल के साथ कई मानवाधिकार संगठनों व गैर सरकारी संगठनों ने सीएसपीएसए का विरोध किया है और ये संगठन काफी समय से इसको समाप्त किए जाने की मांग कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।